लुधियाना: Çarşamba को लुधियाना में आयोजित होने वाले प्रगतिशील पंजाब शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का प्रतिनिधित्व करने वाले शहरी व्यापारी ने राज्य सरकार को पूरा करना चाहते हैं की मांगों की एक सूची जारी की। औद्योगिक और वाणिज्यिक उपक्रमों के चैंबर (सीआईसीयू) के अध्यक्ष उपकर सिंह अहूज ने कहा, '' एमएसएमई उद्योग को तेजी से पुनर्जीवित करने की जरूरत है। इस क्षेत्र की प्रगति के लिए पंजाब सरकार को अपने सहयोग का विस्तार करना चाहिए और बिना अधिक विलंब के सुधारात्मक कदम उठाना चाहिए। उद्योग के लिए एक प्रमुख बाधा शहरी और आवास विभाग का नवीनतम आदेश है जिसमें यह अनिवार्य कर दिया गया है कि इकाइयां केवल उन स्थानों पर स्थापित की जा सकें जहां सड़क का आकार न्यूनतम 33 फीट और औद्योगिक भूखंड का न्यूनतम आकार 1.5 एकड़ है। ये आदेश उद्योग को निद्राहीन रातें देते हैं क्योंकि ये दोनों खंड व्यावहारिक नहीं हैं और इसलिए इन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, एमएसएमई क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन देने के लिए 100 किलोवाट तक कनेक्शनों का उपयोग करने वाले उद्योग के लिए बिजली की प्रभारों को जल्दी से जल्दी कम किया जाना चाहिए। सी. आई. सी. यू. के महासचिव पंkaj शर्मा के अनुसार, यदि संस्थागत कर समाप्त किया जाए तो यह राज्य सरकार, उद्योग और व्यापारियों के हित में होगा। इसके अलावा, पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम द्वारा पहले से ही विद्यमान भूखंडों और भूमि के टुकड़ों के लिए लगाया गया वृद्धि प्रभार समाप्त किया जाना चाहिए। धनंसु फोकल पोइन्ट में प्लॉटों का आवंटन लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए नामांकित दर पर किया जाना चाहिए। सी. आई. सी. यू. प्रचार सचिव, जे. एस. भोगल ने कहा, ‘‘अमेरिन्डर सिंह ने पिछले वर्ष अपनी यात्रा के दौरान लुधियाना फोकल पाइंटों को पूर्ण रूप से हटाने के लिए 32 करोड़ रुपये की घोषणा की थी, लेकिन कोई उल्लेखनीय विकास नहीं हुआ है। फोकल पोइन्ट क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण अभी भी लंबित है और अन्य विकास कार्य जैसे उचित और पर्याप्त सड़कों की रोशनी, मल निकासी प्रणाली और हरित गाड़ियों का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है। सरकार को विकास कार्य में तेजी लानी चाहिए। फेसबूक ट्विटर लिंकेडिन ई-मेल |