शीमला का महादीवार अपशिष्ट बोतल टोपों से बनाया गया था। फोटोः Amit Kanwar
ट्रिब्यून समाचार सेवा शिमला, 28 अक्तूबर गवर्नर राजेन्द्र विश्वनाथ अरलेकर ने आज यहां उड़ीड शिमला का एक ‘वाशिष्ट से संपत्ति’ पहल, शिमला का ग्रेट वॉल का उद्घाटन किया। शिमला का ग्रेट वाल, लगभग 275 फीट लंबा और 15 फीट ऊंचा एक एन्विरोस्कोप भित्तिचित्र, लगभग 5 लाख कूड़ा बोतल टोपों और कार्बन मुक्त रिसाइकल किए गए प्लास्टिक के प्रयोग से बनाया गया है। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उड़ीद ने अपशिष्ट पदार्थों का कलात्मक तरीके से उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण की दिशा में नई शुरुआत की है। हमारे उत्सव भी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। हम अपने संस्कृति में पेड़ों की पूजा करते हैं। सारी दुनिया हमारे विचारों, परंपराओं और संस्कृति को अपना रही है। हमें अपनी संस्कृति को बचाना होगा,” उन्होंने कहा। उड़ीद शिमला के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, विthal वेंकटेश कामत ने कहा कि अपशिष्ट को धन में परिवर्तित करने की खोज ने उड़ीद के हर सदस्य को बक्से से बाहर सोचने और दृश्य उदाहरणों का सृजन करने के लिए प्रेरित किया है जो दूसरों को हमारे भूमंडल के प्रति आदर करने के लिए प्रेरित करेगा। |