पालवाल जिले में धान की कटाई के इस मौसम में बुलबुले को जलाने की घटनाओं में तीव्र गिरावट के साथ, वायु गुणवत्ता सूचकांक ने पिछले मौसम के मुकाबले उल्लेखनीय सुधार भी दिखाया है।
बिज़ेन्द्र अhlawat ट्रिब्यून समाचार सेवा पालवाल, 28 अक्तूबर इस जिले में धान की कटाई के मौसम में कूड़े को जलाने की घटनाओं में तीव्र गिरावट के साथ, वायु गुणवत्ता सूचकांक ने पिछले मौसम के मुकाबले उल्लेखनीय सुधार भी दिखाया है। यहां कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सोमवार शाम तक जिले में कुल 16 फार्म आगें हुई हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, यह संख्या पिछले वर्ष के समनुरूप काल में दर्ज घटनाओं की तुलना में बहुत कम है, जबकि अक्तूबर के अंत तक लगभग 90 फार्म आगों के मामले सामने आ चुके थे। उन्होंने कहा कि सभी मामलों में पर्यावरण क्षतिपूर्ति अधिरोपित की गई है, जिसकी कुल राशि अब तक 42,000 रु. थी। पिछले वर्ष कृषि आगों की कुल संख्या 105 थी। वर्ष 2019 में 210 से अधिक घटनाएं सामने आई थीं और अधिकारियों ने उस वर्ष चट्टान जलाने के लिए 47 व्यक्तियों के विरुद्ध एफ आई आर की पंजीकरण के अलावा लगभग 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। यद्यपि अधिकारियों के अनुसार इस मौसम में फसल आगों में कमी के लिए विस्तारित वर्षा ऋतु एक कारण हो सकती है, लेकिन हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्रोतों ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार होने के कारण इसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। पिछले वर्ष अक्तूबर में 212 के औसत के मुकाबले यह 114 है, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आधिकारिक एप्लिकेशन ‘ सामेर ’ द्वारा संग्रहित आंकड़ों के अनुसार। इस वर्ष अक्तूबर में दर्ज किए गए पीएम-2.5 (वायु गुणवत्ता) 77 से 151 के बीच रहे जबकि पिछले वर्ष की संगत अवधि में यह 129 से 295 के बीच था, जो लगभग दोगुना था। |